बिना जन्म प्रमाण पत्र के भी बन जाएगा आपके बच्चे का आधार कार्ड! UIDAI ने जारी किए 2025 के सबसे बड़े अपडेट्स
भारत में आधार कार्ड आज हर नागरिक की पहचान का सबसे अहम दस्तावेज़ बन चुका है। स्कूल एडमिशन से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने तक, बच्चों के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य हो गया है। लेकिन देश के लाखों ऐसे परिवार हैं जिनके पास अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। ऐसे में आधार कार्ड बनवाना मुश्किल हो जाता था। इस परेशानी को देखते हुए UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य नहीं रहेगा। UIDAI ने कुछ वैकल्पिक दस्तावेजों को भी मान्यता दी है, जिससे माता-पिता को राहत मिलेगी। इस निर्णय से न केवल ग्रामीण इलाकों के परिवारों को सहूलियत होगी, बल्कि उन लोगों को भी मदद मिलेगी जो पहले दस्तावेजों की कमी के कारण बच्चों का आधार नहीं बनवा पा रहे थे।
UIDAI की नई गाइडलाइन – क्या है बड़ा बदलाव?
UIDAI ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि जिन बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है, वे अब अन्य स्वीकृत दस्तावेजों के आधार पर भी आधार कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह कदम खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के लिए वरदान साबित होगा, जहां जन्म का पंजीकरण अब भी पूरी तरह से नहीं हो पाया है।
UIDAI के मुताबिक, अब बच्चों के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों का उपयोग किया जा सकता है:
| वैकल्पिक दस्तावेज़ (Alternate Documents) | उपयोग का उद्देश्य |
|---|---|
| अस्पताल द्वारा जारी डिस्चार्ज स्लिप या जन्म प्रमाण पत्र | जन्म तिथि प्रमाण के रूप में |
| स्कूल का बोनाफाइड सर्टिफिकेट या रिकॉर्ड | जन्म तिथि और पहचान प्रमाण दोनों |
| परिवार के मुखिया का प्रमाण पत्र | बच्चे की पारिवारिक पहचान के लिए |
| राज्य सरकार द्वारा प्रमाणित जन्म रिकॉर्ड | आधिकारिक जन्म डेटा का प्रमाण |
UIDAI के इस निर्णय से अब उन अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी जो अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनवा पाए थे।

जन्म प्रमाण पत्र के नए नियम – जानिए क्या बदला 2023 में
भारत सरकार ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में वर्ष 2023 में बड़ा संशोधन किया। इस संशोधन के अनुसार, 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चों के लिए जन्म प्रमाण पत्र ही जन्म तिथि साबित करने का एकमात्र मान्य दस्तावेज़ माना जाएगा।
लेकिन जिन बच्चों का जन्म 1 अक्टूबर 2023 से पहले हुआ है, उनके लिए अन्य दस्तावेज भी स्वीकार किए जाएंगे। यह परिवर्तन डिजिटल भारत मिशन की दिशा में एक अहम कदम है, क्योंकि अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बनाए जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य
छत्तीसगढ़ राज्य में अप्रैल 2023 से हर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र केवल ऑनलाइन ही जारी किया जा रहा है। इसका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और कागज़ी कार्यवाही को कम करना है।
राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया है कि सभी रजिस्ट्रारों को नए पोर्टल के उपयोग का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि सभी नए प्रमाण पत्रों में QR कोड शामिल हो, जिससे उनकी ऑथेंटिसिटी ऑनलाइन सत्यापित की जा सके।
केवल QR कोड वाले जन्म प्रमाण पत्र ही होंगे मान्य
UIDAI और राज्य सरकारों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब QR कोड युक्त जन्म प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे। इसका कारण यह है कि QR कोड के ज़रिए जन्म प्रमाण पत्र की सत्यता को डिजिटल रूप से जांचा जा सकता है।
हालांकि शुरुआत में नए ऑनलाइन पोर्टल में कुछ तकनीकी दिक्कतें आई थीं, लेकिन अब वे पूरी तरह दूर कर दी गई हैं। अब यह सिस्टम 100% डिजिटल और पारदर्शी तरीके से काम कर रहा है।
UIDAI का उद्देश्य – हर बच्चे को पहचान का अधिकार
UIDAI का मुख्य उद्देश्य हर नागरिक को एक विशिष्ट पहचान देना है। बच्चों के लिए आधार कार्ड सिर्फ पहचान नहीं, बल्कि भविष्य की सरकारी योजनाओं से जुड़ने का जरिया भी है।
नए नियमों के फायदे:
- दस्तावेजों की कमी से परेशान परिवारों को राहत मिलेगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म प्रमाण पत्र न होने की समस्या खत्म होगी।
- आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया और आसान हो जाएगी।
- स्कूल एडमिशन और सरकारी योजनाओं में बच्चों का नामांकन सुगम होगा।
महत्वपूर्ण डेटा चार्ट (UIDAI अपडेट्स 2023-24)
| श्रेणी | पुराने नियम | नए नियम (2023 के बाद) |
|---|---|---|
| दस्तावेज़ आवश्यकता | जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य | वैकल्पिक दस्तावेज़ भी स्वीकार |
| जन्म तिथि प्रमाण | केवल सर्टिफिकेट मान्य | स्कूल या अस्पताल रिकॉर्ड भी मान्य |
| प्रमाण पत्र का रूप | कागज़ी रूप में | QR कोड युक्त डिजिटल प्रमाण पत्र |
| पोर्टल स्थिति | ऑफलाइन | पूरी तरह ऑनलाइन |
| लागू तिथि | 1 अक्टूबर 2023 से पहले और बाद | संशोधित नियम प्रभावी |
क्या पुराने जन्म प्रमाण पत्र अब मान्य हैं?
हाँ, जिन बच्चों के पास पहले से पुराने जन्म प्रमाण पत्र हैं, वे भी मान्य रहेंगे। लेकिन सरकार ने सुझाव दिया है कि इन प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन पोर्टल से पुनः जारी करवाएं ताकि वे QR कोड युक्त और डिजिटल रिकॉर्ड में सुरक्षित रहें। इससे भविष्य में किसी भी प्रकार की सत्यापन समस्या नहीं होगी।
UIDAI का सहयोग – राज्यों को दिए गए निर्देश
UIDAI, हैदराबाद ने सभी राज्यों के आधार केंद्रों को निर्देश दिए हैं कि वे पुराने और नए दोनों प्रकार के जन्म प्रमाण पत्र स्वीकार करें, बशर्ते दस्तावेज़ वैध हों। साथ ही केंद्रों को यह भी कहा गया है कि अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चों के लिए सिर्फ QR कोड वाले प्रमाण पत्र ही स्वीकार किए जाएं।
निष्कर्ष (Conclusion)
UIDAI का यह निर्णय एक बड़ा सामाजिक और प्रशासनिक सुधार है। अब देश के हर बच्चे को पहचान का अधिकार मिलेगा, भले ही उसके पास जन्म प्रमाण पत्र न हो। डिजिटल पोर्टल की शुरुआत से पारदर्शिता बढ़ी है और दस्तावेज़ों की प्रक्रिया सरल हुई है। यह कदम “डिजिटल इंडिया” और “सबका अधिकार पहचान” की दिशा में एक मजबूत पहल साबित होगा।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1: क्या बिना जन्म प्रमाण पत्र के बच्चे का आधार कार्ड बन सकता है?
उत्तर: हाँ, UIDAI ने नए नियमों के तहत अब वैकल्पिक दस्तावेजों की अनुमति दी है। स्कूल रिकॉर्ड, अस्पताल की डिस्चार्ज स्लिप, या परिवार के मुखिया का प्रमाण पत्र भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्रश्न 2: क्या अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चों के लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य है?
उत्तर: हाँ, 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चों के लिए केवल जन्म प्रमाण पत्र ही मान्य दस्तावेज़ रहेगा, और वह भी QR कोड युक्त होना चाहिए।
प्रश्न 3: पुराने जन्म प्रमाण पत्र अब मान्य रहेंगे क्या?
उत्तर: पुराने प्रमाण पत्र मान्य हैं, लेकिन UIDAI ने सलाह दी है कि उन्हें ऑनलाइन पोर्टल से QR कोड युक्त स्वरूप में अपडेट करवा लें।
प्रश्न 4: क्या जन्म प्रमाण पत्र अब पूरी तरह ऑनलाइन उपलब्ध है?
उत्तर: हाँ, 2023 से भारत सरकार ने डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र पोर्टल शुरू किया है, जिससे देशभर में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किए जा रहे हैं।
प्रश्न 5: बच्चों का आधार कार्ड बनवाने में कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?
उत्तर: अभिभावक का आधार कार्ड, बच्चे की फोटो, और वैकल्पिक जन्म तिथि प्रमाण जैसे स्कूल रिकॉर्ड या अस्पताल रिकॉर्ड से आवेदन किया जा सकता है।