Aadhaar Card Rules Update: उत्तर प्रदेश में जन्मतिथि साबित करने का नया नियम – अब आधार नहीं चलेगा, जानें पूरी प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज
Aadhaar Card Rules Update: जन्मतिथि सरकारी दस्तावेजों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, क्योंकि इसी के आधार पर पहचान, उम्र-संबंधित पात्रता और विभिन्न योजनाओं का लाभ तय किया जाता है। लेकिन हाल ही में हुए एक बड़े बदलाव ने लाखों लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब आधार कार्ड को जन्मतिथि साबित करने के लिए मान्य दस्तावेज नहीं माना जाएगा।
लंबे समय से कई विभाग आधार को उम्र प्रमाण के रूप में इस्तेमाल करते रहे थे, लेकिन UIDAI की रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार को नियम बदलना पड़ा। अब लोगों को अपने सही और आधिकारिक जन्मतिथि प्रमाण के लिए वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
इस लेख में आप विस्तृत रूप से जानेंगे कि यह नया नियम क्यों लागू हुआ, कौन-कौन से दस्तावेज अब मान्य होंगे, कैसे आप नया जन्म प्रमाणपत्र बनवा सकते हैं, स्कूल दस्तावेजों का उपयोग कैसे किया जा सकता है, और किन परिस्थितियों में पासपोर्ट या अन्य प्रमाणपत्र आपकी सहायता करेंगे।
Aadhaar Card Rules Update क्यों लागू हुआ?
UIDAI द्वारा दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि कई बार अनुमानित, गलत या बिना किसी आधिकारिक रिकॉर्ड के दर्ज की जाती है। ऐसे मामलों में आधार की विश्वसनीयता कम हो जाती है। सरकार ने वर्षों से बढ़ते जन्मतिथि परिवर्तनों और गलत विवरणों की शिकायतें भी देखीं।
इसी कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया कि अब किसी भी सरकारी प्रक्रिया—चाहे आवेदन हो, सत्यापन हो या जांच—आधार को जन्मतिथि का प्रमाण नहीं माना जाएगा।
UIDAI की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- कई आधार कार्डों में जन्मतिथि अनुमान पर दर्ज की जाती है।
- कई लोग बाद में उम्र बदलवाने की कोशिश करते हैं, जिससे डेटा असंगत होता है।
- UIDAI ने सलाह दी कि जन्मतिथि के लिए अधिक सटीक और आधिकारिक दस्तावेजों को मान्यता दी जाए।

अब कौन-कौन से दस्तावेज जन्मतिथि साबित करने के लिए मान्य होंगे?
1. जन्म प्रमाणपत्र (Birth Certificate)
जन्म प्रमाणपत्र अब जन्मतिथि का सबसे प्रमुख और विश्वसनीय दस्तावेज घोषित हो चुका है।
यह निम्न संस्थानों द्वारा जारी किया जाता है:
- नगर निगम
- नगर पंचायत
- ग्राम पंचायत
- रजिस्ट्रार ऑफ बर्थ्स एंड डेथ्स
यह दस्तावेज असल रिकॉर्ड यानी जन्म के समय दर्ज विवरण पर आधारित होता है।
2. लेट रजिस्ट्रेशन की सुविधा (Delay Registration Process)
जिन लोगों के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है, वे अपने स्थानीय निकाय में लेट रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। प्रक्रिया में कुछ दस्तावेज आवश्यक होते हैं:
- अस्पताल की डिस्चार्ज स्लिप
- टीकाकरण कार्ड
- माता-पिता का हलफनामा
- पुराना राशन कार्ड
- उम्र से संबंधित कोई उपलब्ध प्रमाण
देरी के आधार पर रजिस्ट्रेशन शुल्क अलग-अलग हो सकता है।
3. स्कूल के दस्तावेज (School Records)
शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्कूल दस्तावेज जन्मतिथि का विश्वसनीय स्रोत माने जाते हैं।
मान्य दस्तावेज:
- हाई स्कूल मार्कशीट
- इंटरमीडिएट प्रमाणपत्र
- स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट
इन रिकॉर्ड में दर्ज जन्मतिथि आमतौर पर एडमिशन समय जमा किए गए प्रमाणों पर आधारित होती है।
4. पासपोर्ट और अन्य सरकारी दस्तावेज
यदि आपका पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या अन्य सरकारी दस्तावेज पहले से जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर बने हैं, तो कई विभाग इन्हें भी मान्य मान सकते हैं, बशर्ते कि रिकॉर्ड पूरी तरह मेल खाता हो।
Aadhaar और अन्य जन्मतिथि दस्तावेजों की तुलना
तुलनात्मक तालिका (Comparison Table)
| दस्तावेज | जन्मतिथि की विश्वसनीयता | सरकारी मान्यता | उपयोग के प्रमुख क्षेत्र |
|---|---|---|---|
| आधार कार्ड | कम (अनुमानित डेटा की संभावना) | अब यूपी में मान्य नहीं | KYC, पहचान |
| जन्म प्रमाणपत्र | अत्यधिक विश्वसनीय | सभी विभागों में मान्य | जन्मतिथि प्रमाण, पासपोर्ट |
| स्कूल दस्तावेज | मध्यम से उच्च | कई विभागों में मान्य | शिक्षा, उम्र सत्यापन |
| पासपोर्ट | उच्च (BC के आधार पर) | अधिकतर सरकारी विभाग | पहचान व जन्मतिथि |
| ड्राइविंग लाइसेंस | मध्यम | कुछ विभागों में | परिवहन संबंधित कार्य |
नया नियम लागू होने के बाद लोगों को क्या करना चाहिए?
- जिनके पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है, तुरंत बनवाएं।
- स्कूल दस्तावेजों को सुरक्षित रखें और उनकी सत्यता सुनिश्चित करें।
- यदि आवश्यक हो, पासपोर्ट रिन्यू कराएं ताकि जन्मतिथि का सही रिकॉर्ड उपलब्ध रहे।
- किसी भी सरकारी काम में आधार कार्ड को जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में उपयोग करने की कोशिश न करें।
- यदि जन्मतिथि में त्रुटि है, तो स्थानीय निकाय में सुधार प्रक्रिया शुरू करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला डेटा की शुद्धता और सरकारी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया एक अहम कदम है। जन्मतिथि एक संवेदनशील विवरण है और इसका सही रिकॉर्ड रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी भी है। अब आधार कार्ड इस प्रक्रिया के लिए मान्य नहीं है, इसलिए लोगों को चाहिए कि वे वैध जन्म प्रमाणपत्र या अन्य अधिक विश्वसनीय दस्तावेज तैयार रखें।
यदि आपने अभी तक अपना जन्म प्रमाणपत्र नहीं बनवाया है, तो देर न करें—आगे चलकर यह हर सरकारी काम में आपके लिए जरूरी साबित होगा।
People Also Ask – FAQs
1. आधार कार्ड को जन्मतिथि प्रमाण के रूप में क्यों मान्य नहीं किया जा रहा है?
आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि कई बार अनुमान, गलत जानकारी या बिना आधिकारिक प्रमाण के दर्ज की जाती है। UIDAI ने अपनी रिपोर्ट में यह साफ बताया कि आधार में दर्ज जन्मतिथि पूरी तरह विश्वसनीय नहीं होती। इसी कारण सरकार ने इसे जन्मतिथि प्रमाण से बाहर कर दिया है। इससे सरकारी रिकॉर्ड में त्रुटियों को रोका जा सकेगा और सही उम्र का सत्यापन संभव होगा।
2. क्या सिर्फ जन्म प्रमाणपत्र ही मान्य दस्तावेज होगा?
जन्म प्रमाणपत्र सर्वाधिक मान्य दस्तावेज है, लेकिन इसके अलावा हाई स्कूल सर्टिफिकेट, इंटरमीडिएट मार्कशीट, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, पासपोर्ट और जन्मतिथि आधारित अन्य सरकारी दस्तावेज भी मान्य हैं। मुख्य बात यह है कि जन्मतिथि के रिकॉर्ड का स्रोत विश्वसनीय होना चाहिए और सरकारी निकाय द्वारा जारी किया गया होना चाहिए।
3. जिनके पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है, वे क्या करें?
ऐसे लोग अपने स्थानीय नगर निगम, ग्राम पंचायत या संबंधित निकाय में जाकर लेट रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अस्पताल की कागजी रिकॉर्ड, टीकाकरण कार्ड, माता-पिता के हलफनामे, राशन कार्ड जैसे दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। देरी के अनुसार शुल्क भी लग सकता है। प्रक्रिया पूरी होने पर आधिकारिक जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है।
4. क्या स्कूल के दस्तावेज जन्मतिथि साबित करने के लिए पर्याप्त हैं?
स्कूल के दस्तावेज विश्वसनीय माने जाते हैं, खासकर तब जब एडमिशन के समय जमा की गई जानकारी वास्तविक और प्रमाणित हो। हाई स्कूल और इंटरमीडिएट सर्टिफिकेट कई विभागों में स्वीकार किए जाते हैं। हालांकि कुछ विभाग जन्म प्रमाणपत्र को प्राथमिकता देते हैं, इसलिए इसे बनवाना हमेशा बेहतर होता है।
5. क्या पासपोर्ट जन्मतिथि प्रमाण के रूप में मान्य है?
हाँ, यदि पासपोर्ट पहले से जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर जारी किया गया है, तो इसकी जन्मतिथि अधिकांश विभागों द्वारा मान्य की जाती है। पासपोर्ट एक मजबूत सरकारी दस्तावेज है जिसमें दर्ज जानकारी पुलिस सत्यापन प्रक्रिया के बाद ही स्वीकृत की जाती है।
MCQ Quiz
प्रश्न 1: आधार को जन्मतिथि प्रमाण के रूप में क्यों हटाया गया है?
A. आधार बहुत लोकप्रिय है
B. आधार में जन्मतिथि अनुमानित हो सकती है
C. आधार में फोटो नहीं होती
D. सरकार ने रिकॉर्ड खत्म कर दिए
सही उत्तर: B
प्रश्न 2: जन्मतिथि साबित करने के लिए सबसे विश्वसनीय दस्तावेज कौन सा है?
A. राशन कार्ड
B. हाई स्कूल मार्कशीट
C. जन्म प्रमाणपत्र
D. वोटर आईडी
सही उत्तर: C
प्रश्न 3: लेट रजिस्ट्रेशन में कौन-सा दस्तावेज मांगा जा सकता है?
A. बिजली बिल
B. अस्पताल की डिस्चार्ज स्लिप
C. बैंक पासबुक
D. वोटर लिस्ट
सही उत्तर: B
प्रश्न 4: पासपोर्ट कब जन्मतिथि प्रमाण के रूप में मान्य होता है?
A. जब वह सोशल मीडिया से लिंक हो
B. जब वह जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर बना हो
C. जब वह 10 साल पुराना हो
D. जब उसमें वीज़ा हो
सही उत्तर: B
प्रश्न 5: नया नियम लागू होने का मुख्य कारण क्या है?
A. आधार का डिज़ाइन बदल गया
B. UIDAI का सर्वर डाउन हुआ
C. आधार में गलत जन्मतिथि दर्ज होने की संभावना
D. लोगों को परेशान करना
सही उत्तर: C
