Aadhaar Card अब Birth Proof नहीं: यूपी सरकार का बड़ा फैसला, माता-पिता के काम अटक सकते हैं
आधार कार्ड भारत में पहचान का सबसे बड़ा और सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला दस्तावेज माना जाता है। बैंकिंग, सरकारी योजनाएं, एडमिशन, पासपोर्ट—लगभग हर जगह आधार की जरूरत पड़ती है। लेकिन अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि अब एक ऐसे जरूरी काम में आधार कार्ड नहीं चलेगा, जिसे हर माता-पिता और हर परिवार को कभी न कभी पूरा करना पड़ता है। यूपी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आधार कार्ड को अब जन्म प्रमाण पत्र या जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह बदलाव क्यों हुआ? किस पर इसका असर पड़ेगा? और अब आपको क्या करना चाहिए? इस पूरे लेख में आपको सारी जानकारी आसान भाषा में और गहराई से समझाई जाएगी।
Aadhaar Card Birth Certificate की जगह क्यों मान्य नहीं?
सरकार का स्पष्ट तर्क: आधार में Birth Record प्रमाणित नहीं
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्लानिंग डिपार्टमेंट की सिफारिश के बाद यह निर्णय लिया है। विभाग का कहना है कि आधार कार्ड में किसी भी तरह का ऑफिशियल सर्टिफाइड बर्थ रिकॉर्ड नहीं होता। इसलिए इसे जन्म की तारीख या जन्म स्थान के प्रमाण के रूप में मान्य नहीं माना जा सकता।
मुख्य कारण
- आधार सिर्फ पहचान और पते का प्रमाण है।
- UIDAI स्वयं कह चुका है कि Aadhaar में दर्ज जन्म तिथि सिर्फ दावा है, प्रमाण नहीं।
- कई जगह गलत जानकारी डालने के मामले बढ़े, जिससे जन्म सत्यापन में दिक्कत आती है।
राज्य विभागों को आदेश: Aadhaar आधारित Birth Verification बंद
प्लानिंग डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी अमित सिंह बंसल ने सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि जन्म से जुड़े किसी भी सत्यापन में आधार को न माना जाए। सीधे शब्दों में, अब स्कूल एडमिशन, सरकारी रजिस्ट्रेशन, जन्म से जुड़े प्रमाण पत्र बनवाने—इन सबमें आधार काम नहीं आएगा।

महाराष्ट्र में भी लागू हुआ ऐसा ही कदम
महाराष्ट्र सरकार ने 11 अगस्त 2023 के बाद आधार के आधार पर जारी किए गए:
- देरी से बने जन्म प्रमाण पत्र
- देरी से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र
दोनों को रद्द करने और पुनः समीक्षा करने का आदेश दिया है।
महाराष्ट्र सरकार का तर्क
- सिर्फ आधार के आधार पर जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना गलत प्रक्रिया है।
- आधार में जन्म तिथि की आधिकारिक पुष्टि नहीं मिलती।
UIDAI का आधिकारिक पत्र भी आया सामने
यूपी सरकार के आदेश में UIDAI रीजनल ऑफिस लखनऊ के डिप्टी डायरेक्टर की चिट्ठी नंबर: 16013/4/2020-RO-LKO/5416 (तारीख – 31.10.2025) का हवाला दिया गया है। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि Aadhaar को Birth Proof के रूप में मान्यता न दी जाए।
बॉर्डर सुरक्षा और अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए सख्ती
यूपी, खासकर नेपाल से लगी खुली सीमा के कारण, लंबे समय से सावधानी बरतता आया है। हाल ही में राज्य सरकार ने:
- अवैध विदेशी नागरिकों के लिए टेम्पररी डिटेंशन सेंटर बनाने,
- पहचान की प्रक्रिया तेज करने,
- और दस्तावेज़ सत्यापन को मजबूत करने
के निर्देश दिए हैं।
इस सख्ती का एक हिस्सा है—जन्म प्रमाण के रूप में आधार कार्ड को हटाना, ताकि गलत दस्तावेज़ों का दुरुपयोग न हो सके।
कौन-कौन से डॉक्यूमेंट Birth Proof के रूप में मान्य?
| दस्तावेज़ | जन्म तिथि का प्रमाण | सरकार द्वारा स्वीकार्य | टिप्पणी |
|---|---|---|---|
| आधार कार्ड | नहीं | नहीं | सिर्फ पहचान/पते का प्रमाण |
| जन्म प्रमाण पत्र | हां | हां | सबसे मान्य दस्तावेज |
| स्कूल सर्टिफिकेट | हां | हां | विशेष रूप से प्राथमिक कक्षा का प्रमाण पत्र |
| अस्पताल रिकॉर्ड | हां | हां | जन्म के समय जारी दस्तावेज |
| राशन कार्ड | नहीं | नहीं | जन्म तिथि का प्रमाण नहीं |
Conclusion: माता-पिता और युवाओं को क्या करना चाहिए?
यह फैसला दिखाता है कि आगे से किसी भी सरकारी या आधिकारिक प्रक्रिया में आधार कार्ड को जन्म प्रमाण के रूप में नहीं माना जाएगा। इसलिए माता-पिता और छात्रों को अभी से:
- अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना,
- पुराने दस्तावेजों की समीक्षा करना,
- और स्कूल/कॉलेज में आवश्यक दस्तावेज पहले से तैयार रखना चाहिए।
अगर आपके पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, तो तुरंत बनवाना शुरू करें। यह आगे किसी भी सरकारी काम में देरी को रोक देगा।
People Also Ask (FAQs)
1. क्या आधार कार्ड अब पूरी तरह से Birth Proof के रूप में बंद हो गया है?
जी हां, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में आधार कार्ड को जन्म तिथि प्रमाण के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी। UIDAI ने पहले ही कहा था कि आधार में दर्ज जन्म तिथि केवल एक दावा है, प्रमाण नहीं। इसकी वजह से लोगों को जन्म प्रमाण पत्र जैसे सही दस्तावेज रखना आवश्यक होगा।
2. अगर जन्म प्रमाण पत्र खो गया हो तो क्या करें?
अगर आपका जन्म प्रमाण पत्र खो गया है, तो आप स्थानीय नगर निगम, पंचायत या तहसील कार्यालय से डुप्लीकेट प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं। इसके लिए आधार, पता प्रमाण, और एक आवेदन आवश्यक होता है। प्रक्रिया अब तेज और ऑनलाइन भी उपलब्ध है।
3. क्या स्कूल सर्टिफिकेट जन्म तिथि प्रमाण के रूप में इस्तेमाल हो सकता है?
हां, कई सरकारी विभाग प्राथमिक कक्षा (Class 1) के स्कूल सर्टिफिकेट को जन्म तिथि प्रमाण के रूप में स्वीकार करते हैं। खासकर तब जब जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध न हो। हालांकि यह क्षेत्र, राज्य और विभाग के नियमों पर निर्भर करता है।
4. महाराष्ट्र द्वारा पुराने प्रमाण पत्र रद्द क्यों किए जा रहे हैं?
महाराष्ट्र सरकार उन दस्तावेज़ों की समीक्षा कर रही है जो सिर्फ आधार कार्ड के आधार पर देरी से जारी किए गए थे। क्योंकि आधार में जन्म तिथि की आधिकारिक पुष्टि नहीं होती, इसलिए उन सर्टिफिकेट की वैधता संदिग्ध मानी जा रही है।
5. क्या आधार अब किसी भी प्रकार के जन्म संबंधी कार्य में उपयोग नहीं होगा?
आधार पहचान और पते के लिए हमेशा उपयोगी रहेगा। लेकिन जन्म से संबंधित कार्य—जैसे जन्म प्रमाण पत्र, जन्म तिथि सत्यापन, एडमिशन—इनमें आधार अब Birth Proof के रूप में स्वीकार नहीं होगा। आपको वैकल्पिक दस्तावेज़ रखने होंगे।
MCQ Quiz
Q1. उत्तर प्रदेश में आधार कार्ड किस कारण Birth Proof के रूप में बंद किया गया?
A. UIDAI ने इसकी अनुमति दे दी
B. आधार में जन्म रिकॉर्ड प्रमाणित नहीं होता
C. आधार कार्ड महंगा है
D. स्कूलों की मांग पर
Correct Answer: B
Q2. कौन सा दस्तावेज़ जन्म का सबसे प्रमाणिक सबूत है?
A. राशन कार्ड
B. वोटर आईडी
C. जन्म प्रमाण पत्र
D. पैन कार्ड
Correct Answer: C
Q3. UIDAI के अनुसार आधार में दर्ज जन्म तिथि क्या है?
A. सरकारी रिकॉर्ड
B. अस्पताल का डेटा
C. दावा, प्रमाण नहीं
D. पासपोर्ट डेटा
Correct Answer: C
Q4. महाराष्ट्र किस वर्ष के बाद जारी किए गए सर्टिफिकेट की समीक्षा कर रहा है?
A. 2015
B. 2020
C. 2023
D. 2010
Correct Answer: C
Q5. आधार कार्ड मुख्य रूप से किसका प्रमाण है?
A. जन्म
B. मृत्यु
C. पहचान और पते का
D. आय का
Correct Answer: C
